तोरे सिवा गीत
प्रस्तावना “तोरे सिवा” – यह गीत एक ऐसी पुकार है, जो आत्मा की गहराई से निकलती है। यह केवल एक संगीत रचना नहीं है, बल्कि एक पूर्ण आत्मिक समर्पण की घोषणा है। जब कोई विश्वासी कहता है “तोरे सिवा ना कोई है”, तो वह यह स्वीकार करता है कि उसके जीवन की सभी अपेक्षाएं, आशाएं … Read more