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Maa Ke Samaan Lyrics माँ के समान

maa ke samaan

maa ke samaan

परिचय:

ईश्वर के प्रेम को व्यक्त करने के लिए मानव जाति ने अनेक उपमाओं का सहारा लिया है—Maa Ke Samaan Lyrics माँ के समान कभी पिता, कभी राजा, कभी चरवाहा। लेकिन जब हम ईश्वर के उस कोमल, देखभाल करने वाले, और त्यागमयी पक्ष को महसूस करते हैं, तब हमें सबसे उपयुक्त उपमा “माँ” के रूप में मिलती है।


गीत के बोल

गर्भ के समय से पाला है
बनाया मुझको अपने रूप में
डाली तूने अपनी रूह है
भर दिया अपने नूर से

माँ के समान तू है
माँ की तरह तू खयाल रखता है
माँ के समान तू हैहेडफ़ोन के सबसे अच्छे ऑफ़र
माँ से भी ज्यादा प्यार करता है

सुकून है तेरी गोदी में
बाहों में तेरे हिफाज़त है
पोछे सारे आंसू मेरे
डर सारे घूम हो गए

माँ के समान तू है,
माँ की तरह तू खयाल रखता है,
माँ के समान तू है,
माँ से भी ज्यादा प्यार करता है –(2)

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1. माँ के गर्भ से ईश्वर की योजना

“गर्भ के समय से पाला है
बनाया मुझको अपने रूप में
डाली तूने अपनी रूह है
भर दिया अपने नूर से”

गीत की शुरुआत एक गहरे सत्य से होती है—ईश्वर की योजना हमारे जन्म से पहले ही शुरू हो जाती है।
जैसे एक माँ गर्भ में अपने बच्चे को पालती है, उसकी देखभाल करती है, ठीक वैसे ही परमेश्वर ने हमें अपनी योजना और अपने प्रेम से ढाला है।

बाइबल सन्दर्भ:

“जैसे मैं माँ के गर्भ में बना, तूने मुझे देखा। मेरे जीवन की हर घड़ी तेरे द्वारा लिखी गई थी।” (भजन संहिता 139:16)

यह पद दर्शाता है कि हमारा अस्तित्व ईश्वर की इच्छा का परिणाम है। उसने न केवल हमें शरीर दिया, बल्कि अपनी आत्मा (रूह) और अपने प्रकाश (नूर) से हमें भर दिया।


2. माँ के समान तेरा ख्याल

“माँ के समान तू है
माँ की तरह तू खयाल रखता है
माँ के समान तू है
माँ से भी ज्यादा प्यार करता है”

यहाँ पर परमेश्वर के प्रेम की तुलना माँ के प्रेम से की गई है—जो शायद इस दुनिया में सबसे पवित्र, नि:स्वार्थ और गहन प्रेम होता है।

माँ की तरह ख्याल रखना—मतलब हर छोटी-बड़ी जरूरत का ध्यान, हर दर्द का इलाज, हर डर को समझना और हर कमजोरी में ढाल बनकर खड़ा रहना।

लेकिन गीत यह भी कहता है, “माँ से भी ज्यादा प्यार करता है”—क्योंकि ईश्वर का प्रेम न केवल शारीरिक, बल्कि आत्मिक और अनंत है।


3. सुकून और सुरक्षा: ईश्वर की गोदी

“सुकून है तेरी गोदी में
बाहों में तेरे हिफाज़त है
पोछे सारे आंसू मेरे
डर सारे ग़ुम हो गए”

यहाँ ईश्वर को एक माँ की तरह देखा गया है—जिसकी गोद में आत्मा को शांति मिलती है। उसकी बाहों में एक सुरक्षा की भावना होती है, और जब आँसू आते हैं, तो वही उन्हें पोंछता है।

एक माँ बच्चे के रोने पर तुरंत प्रतिक्रिया देती है—ठीक वैसे ही ईश्वर हमारे दर्द, दुःख और संघर्षों में हमारे सबसे करीब होता है।

बाइबल सन्दर्भ:

“जैसे माँ अपने बच्चे को शांति देती है, वैसे ही मैं तुम्हें सांत्वना दूंगा।” (यशायाह 66:13)

यह सच्चाई हमें ईश्वर के चरित्र का एक अलग ही पहलू दिखाती है—करुणामयी, संवेदनशील, सहनशील और लगातार मौजूद।


4. दोहराव का प्रभाव:

“माँ के समान तू है,
माँ की तरह तू ख्याल रखता है,
माँ के समान तू है,
माँ से भी ज्यादा प्यार करता है –(2)”

इस पंक्ति को दोहराकर गीतकार एक गहन भावना को और भी दृढ़ता से स्थापित करता है। यह दोहराव सिर्फ गीत के लिए नहीं, बल्कि आत्मा को यह सत्य स्वीकार करने और उसमें विश्राम करने का अवसर देता है।

हर बार जब यह पंक्तियाँ आती हैं, यह एक भावनात्मक पुष्टि बन जाती है:
“तू मेरे लिए सबसे सुरक्षित, सबसे सच्चा, और सबसे करुणामयी स्थान है।”


5. आत्मिक जीवन में यह गीत क्यों आवश्यक है?

भजन “माँ के समान तू है” आत्मिक रूप से उन लोगों के लिए बहुत सांत्वना देता है:


6. इस गीत को जीवन में उतारना:


7. निष्कर्ष: एक माँ और उससे भी अधिक

“माँ के समान तू है” केवल एक भावनात्मक गीत नहीं, बल्कि एक आत्मिक अनुभूति है—जहाँ हम अपने सृष्टिकर्ता की गोद में विश्राम करते हैं।


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