ये ज़िन्दगी तेरी महिमा Yeh Zindagi Teri Mahima Lyrics


परिचय

मसीही जीवन केवल विश्वास की अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि एक निरंतर समर्पण की यात्रा है।ये ज़िन्दगी तेरी महिमा Yeh Zindagi Teri Mahima Lyrics यह जीवन प्रभु की महिमा में डूबा एक गीत है, जो हर श्वास के साथ उसकी स्तुति करता है। गीत एक ऐसा भजन है जो मसीह के प्रति पूर्ण समर्पण और आभार की सजीव झलक प्रस्तुत करता है।

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गीत के बोल

ये ज़िन्दगी तेरी महिमा
गाती रहे अब सदा
जब तक जियूं तेरी महिमा
करता रहूँ ऐ ख़ुदा

जब से है छुआ तूने मुझे,
नयी सांसे जैसे फिर से आ गयी
जब से है थामा हाथ तेरा 
बंद राहें जैसे फिर से खुल गयी
तू ही प्रभु मेरे यीशु
तेरे सिवा न होगा कोई

जब भी पुकारा मैंने तुझे,
मेरी हर दुआ को तूने है सुना
हर एक कदम पर साथ रहा,
पास तुझको महसूस किया
अब हो सना तेरी ख़ुदा
इस ज़िन्दगी को तुझको दिया


1. तेरी महिमा गाती रहे अब सदा

“ये ज़िन्दगी तेरी महिमा
गाती रहे अब सदा
जब तक जियूं तेरी महिमा
करता रहूं ऐ खुदा”

यह पंक्ति हमारे मसीही उद्देश्य की पुष्टि करती है। हमारी रचना ही इसलिए हुई कि हम अपने जीवन के हर क्षण में परमेश्वर की महिमा करें। 1 कुरिन्थियों 10:31 में लिखा है:
“इसलिये तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महिमा के लिये करो।”

यह गीत कहता है कि जब तक हम जीवित हैं, हम केवल उसकी स्तुति करेंगे। यह केवल चर्च में गाया जाने वाला गीत नहीं है, बल्कि एक जीवनशैली है:

  • हमारे कार्यों से
  • हमारे रिश्तों से
  • हमारे फैसलों से

हर रूप में हम येशु मसीह की महिमा को प्रकट करें।


2. छू जाने से नया जीवन

“जब से है छुआ तूने मुझे,
नई साँसे जैसे फिर से आ गईं”

येशु का छू लेना मात्र एक चमत्कार नहीं, वह पुनर्जीवन है। बाइबिल में जब येशु ने कोढ़ी को छुआ (मरकुस 1:41), तो वह न केवल रोग से चंगा हुआ, बल्कि समाज में पुनः स्थान प्राप्त कर पाया।

हमारे जीवन में भी जब येशु हमें छूता है —

  • हमारी आत्मा पुनर्जीवित होती है
  • हमारे मन का अंधकार दूर होता है
  • हम एक नई शुरुआत पाते हैं

यशायाह 43:19 में प्रभु कहता है:
“देखो, मैं एक नया काम कर रहा हूं; वह अभी प्रकट हो रहा है, क्या तुम उसे नहीं पहचानते?”

येशु का स्पर्श मृत को भी जीवन देता है — और इस गीत की यह पंक्ति हमें यही स्मरण दिलाती है।


3. थामा हाथ तो राहें खुल गईं

“जब से है थामा हाथ तेरा
बंद राहें जैसे फिर से खुल गईं”

जीवन में कई बार हम ऐसे मोड़ पर पहुँचते हैं जहाँ सब रास्ते बंद लगते हैं। लेकिन जब येशु का हाथ हमारे साथ होता है, तब अंधकार में भी उजाले की किरण दिखाई देती है।

भजन संहिता 23:4 में दाऊद लिखता है:
“यद्यपि मैं घोर अंधकार से भरी हुई तराई में होकर चलूं, तौभी हानि से न डरूंगा, क्योंकि तू मेरे साथ है।”

प्रभु का हाथ —

  • मार्गदर्शन करता है
  • सुरक्षा देता है
  • साहस भरता है

हमारे अपने प्रयास विफल हो सकते हैं, लेकिन जब मसीह हमारा हाथ थाम लेता है, बंद दरवाज़े खुल जाते हैं।


4. यीशु ही मेरा प्रभु है

“तू ही प्रभु मेरे यीशु
तेरे सिवा न होगा कोई”

यह वचन व्यक्तिगत समर्पण की गवाही है। जब हम मसीह को अपना एकमात्र प्रभु स्वीकार करते हैं, तब ही सच्चा मसीही जीवन आरंभ होता है।

यूहन्ना 14:6 में येशु ने कहा:
“मार्ग, सत्य और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे कोई पिता के पास नहीं आता।”

यह घोषणा —

  • संसार के अन्य सभी विकल्पों को अस्वीकार करती है
  • मसीह को जीवन का केंद्र बनाती है
  • हमारी पहचान को उसकी उपस्थिति में दृढ़ करती है

इस गीत की यह पंक्ति गवाही देती है कि मसीह हमारे लिए सिर्फ एक सहायक नहीं, बल्कि एकमात्र प्रभु है।


5. हर दुआ सुनी, हर कदम साथ चला

“जब भी पुकारा मैंने तुझे,
मेरी हर दुआ को तूने है सुना
हर एक कदम पर साथ रहा,
पास तुझको महसूस किया”

  • जब हम पुकारते हैं, वह सुनता है
  • जब हम अकेले होते हैं, वह साथ चलता है
  • जब हम गिरते हैं, वह उठाता है

1 पतरस 3:12 में लिखा है:
“क्योंकि प्रभु की दृष्टि धर्मियों पर लगी रहती है, और उसके कान उनकी प्रार्थना की ओर लगे रहते हैं।”


6. अब हो सना तेरी खुदा, इस ज़िन्दगी को तुझको दिया

“अब हो सना तेरी खुदा
इस ज़िन्दगी को तुझको दिया”

“हो सना” एक हिब्रू शब्द है जिसका अर्थ है “उद्धार दे” या “जयकार हो।” यह एक आराधनात्मक घोषण है जो मसीह की सत्ता और महिमा की पुष्टि करती है।

जब हम कहते हैं कि “इस ज़िन्दगी को तुझको दिया,” तो हम अपने सम्पूर्ण अस्तित्व को मसीह के चरणों में समर्पित कर रहे होते हैं। यह कोई भावुक निर्णय नहीं, बल्कि एक स्थायी प्रतिबद्धता है:

  • अब हमारी योजनाएँ उसकी इच्छा के अनुसार होंगी
  • हमारा भविष्य उसके हाथ में होगा
  • हमारा उद्देश्य उसकी सेवा करना होगा

रोमियों 12:1 कहता है:
“इसलिये, हे भाइयों, मैं परमेश्वर की करुणा के द्वारा तुमसे विनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, पवित्र और परमेश्वर को भाते हुए बलिदान के रूप में चढ़ाओ, यही तुम्हारी आत्मिक भक्ति है।”


व्यक्तिगत अनुभव और आत्म-प्रेरणा

हर मसीही के जीवन में ऐसा मोड़ आता है जब वह प्रभु के सामने टूट कर कहता है, “अब सब कुछ तेरा है।” यह गीत उस आत्मिक क्षण को बखूबी व्यक्त करता है।

  • जब जीवन थम सा गया था, तब येशु ने नया उत्साह दिया
  • जब सबने छोड़ा, तब येशु ने थामा
  • जब उद्देश्य खो गया था, तब येशु ने दिशा दी

यह गीत केवल गायन नहीं — बल्कि हर मसीही की आत्मा की सच्ची पुकार है।


निष्कर्ष: तेरी महिमा ही मेरा जीवन है

“ये ज़िन्दगी तेरी महिमा गाती रहे…” यह एक वादा है, एक निश्चय है और एक आराधना है। यह गीत हमें याद दिलाता है कि हमारा जीवन अब हमारा नहीं, बल्कि उस प्रभु का है जिसने हमें प्रेम किया, छुकर बदला और नई राह दिखाई।

अब यह जीवन —

  • उसकी स्तुति के लिए है
  • उसकी सेवा के लिए है
  • उसकी गवाही के लिए है

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